THE DEFINITIVE GUIDE TO WHAT TO DO FOR SUCCESS IN HINDI

The Definitive Guide to what to do for success in Hindi

The Definitive Guide to what to do for success in Hindi

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And whilst I adored Chicago, my enjoy for a town just wasn’t plenty of to keep me stuck. So, Despite the fact that it was totally terrifying along with the concern of currently being by yourself was palpable, I still left anyway. I explained to my boyfriend it was around and put almost everything I owned into my Toyota RAV4 in addition to a moving truck and moved four states absent to my hometown. It had been the scariest and smartest thing I’d at any time done in my lifestyle. In just a yr of leaving, I found myself living in a bucolic artist’s Group, producing a weblog referred to as ‘Diary of a Writer in Mid-Existence Crisis’ for just a very well-acknowledged literary magazine, freelance crafting, and enjoying a contented engagement to an excellent man I thought I’d never ever find.”

जिम्मेदारी लें या आप अपना सबक सीखेंगे।

अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो। 

इस प्रसंग से सीख – गाँधी जी का यह प्रसंग हमें बताता है कि हमें परीक्षा में कभी भी नक़ल नहीं करनी चाहिए बल्कि हमें जितना भी उस विषय के बारे में जानकारी पता है उसका उत्तर लिखना चाहिए.

उनके शिक्षक ने छात्रो को हिदायत दे रखी थी की निरीक्षक पर आप सब का अच्छा प्रभाव पड़ना चाहिए. जब निरीक्षक गाँधी जी की क्लास में आये तो उन्होंने बच्चो की परीक्षा लेने के लिए छात्रो को पांच शब्द बताकर उनके वर्तनी लिखने को कहा.

हमें गाँधी जी के इस प्रसंग से यह सीख अवश्य लेनी चाहिए की हम कभी भी किसी के साथ छूआछूत नहीं करेंगे. ऐसा करने पर हम किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि मानवता का दिल दुखाते है जो बिलकुल भी उचित नहीं.

सुदामा ने महसूस किया कि कृष्ण जैसे सच्चे दोस्त के लिए वह कितने भाग्यशाली थे। उन्होंने यह भी नहीं पूछा, लेकिन कृष्ण जानते थे कि सुदामा क्या चाहते हैं और उन्होंने उसे दिया।

तीन शाही सलाहकार

गाँधी जी के ज़माने में छूआछूत का बोलबाला था. उनका उस ज़माने में check here अपनी ऐसी सोच रखना उनकी महानता को दर्शाता है.

अपने भाई को कर्ज से मुक्त कराने के लिए गाँधी जी ने अपना सोने का कड़ा बेंच दिया और उसके पैसे अपने भाई को दे दिए.

गाँधी जी सबसे पहले मिठाई पड़ोस में रहने वाले सफाई कर्मी को देने लगे.

हंसिनी ने हंस से कहा ये हम किस उजड़े हुए इलाके में आ गये हैं ?

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और बोला मै आ गया हूँ आप बताइये की आपके लिए क्या करूं, व्यक्ति की इस बात में अहंकार झलक रही थी। 

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